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Shiv Chaisa Secrets

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी । श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी काम की बात श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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